सिंघाड़े के ये 7 फायदे कर देंगे आपको हैरान

           सिंघाड़ा से दूर करें शरीर की सभी कमजोरियां

          सिंघाड़े के ये 7 फायदे कर देंगे आपको हैरान 



                        तिकोने आकार का हरे और लाल रंग का सिंघाड़ा अपने शानदार स्‍वाद के कारण बहूत खास है/पानी में पाये जाने वाले सिंघाड़े को पानीफल के नाम से भी जाना जाता है/ यह मौसमी फल कई पोषक तत्‍वों और लो कैलोरी के कारण सेहत के लिए बहुत अच्‍छा माना जाता है/बहुत सारी बीमारियों से बचने के लिए जिंक, पोटैशियम और विटामिन से भरपूर इस फल को हर किसी को अपनी दिनचर्या में शामिल करना चाहिए/ सिंघाड़े का इस्तेमाल कई तरह किया जाता है। ज्यादातर  लोग इसे कच्चा खाना पसंद करते है/
               व्रत-उपवास में सिंघाड़े को फलाहार में शामिल किया जाता है/ इसके बीज को सुखाकर और पीसकर बनाए गए आटे का सेवन किया जाता है/ असल में एक फल होने के कारण इसे अनाज न मान कर फलाहार का दर्जा दिया गया है/सिंघाड़े को कच्चा ही खाया जाता है, लेकिन कुछ लोग इसे हल्का उबालकर नमक के साथ खाते हैं। सिंघाड़े से साग-सब्जी और बर्फी, हलवा जैसे मिष्ठान भी बनते हैं, जो अनोखा स्वाद लिए होते हैं/
    सिंघाड़े में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन बी व सी, आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस जैसे मिनरल्स, रायबोफ्लेबिन जैसे तत्व पर्याप्त मात्रा में मिलते हैं/ आयुर्वेद में कहा गया है कि सिंघाड़े में भैंस के दूध की तुलना में  खनिज लवण और क्षार तत्व पाए जाते हैं/ वैज्ञानिकों ने तो अमृत तुल्य बताते हुए इसे ताकतवर और पौष्टिक तत्वों का खजाना बताया है/ इस फल में कई औषधीय गुण हैं, जिनसे शुगर, अल्सर, हृदय रोग, गठिया जैसे रोगों से बचाव हो सकता है /बुजुर्गों व गर्भवती महिलाओं के लिए तो यह काफी फायदेमंद साबित हो

सिंघाड़े के ये 7 फायदे कर देंगे आपको हैरान


 1.ऊर्जा का अच्छा स्रोत

      सिंघाड़े में कार्बोहाइड्रेट काफी मात्र में होता है/ २५० ग्राम सिंघाडे में २०० कैलोरी लगभग  होती हैं, जो कम भूख में पर्याप्त भोजन का काम करता है/

2.थायरॉयड और घेंघा रोग में लाभदायक

       सिंघाड़े में मौजूद आयोडीन, मैग्नीज जैसे मिनरल्स थायरॉइड और घेंघा रोग की रोकथाम में अहम भूमिका निभाते हैं/

3.दूर करे गले की खराश

    सिंघाड़े में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट तत्व गले की खराश और कफ कम करने में प्रभावी रूप से फायदेमंद होते हैं/ खांसी के लिए यह टॉनिक का काम करता है/

4.टॉन्सिल का इलाज

               सिघाड़ा में  मौजूद आयोडीन गले में होने वाले टॉन्सिल के इलाज में लाभदायक है/इसमें ताजा फल या चूर्ण खाना दोनों फायदेमंद होता है/सिंघाड़े को पानी में उबाल कर कुल्ला करने से भी आराम मिलता है/

5 .गर्भवती महिलाओं के लिए वरदान

            गर्भाशय की दुर्बलता व पित्त की अधिकता से गर्भावस्था पूरी होने से पहले ही जिन स्त्रियों का गर्भपात हो जाता है, उन्हें सिंघाड़ा खाने से लाभ होता है/ इस सेवन से भ्रूण को पोषण मिलता है और वह स्थिर रहता है/ सात महीने की गर्भवती महिला को दूध के साथ या सिंघाड़े के आटे का हलवा खाने से लाभ मिलता है/ सिंघाड़े के नियमित और उपयुक्त मात्र में सेवन से गर्भस्थ शिशु स्वस्थ व सुंदर होता है/

6 .यौन दुर्बलता को दूर करता है

         यह यौन दुर्बलता को भी दूर करता है/ 2-3 चम्मच सिंघाड़े का आटा खाकर गुनगुना दूध पीने से वीर्य में बढ़ोतरी होती है/महिलाओं में होने वाले रोग स्वेद प्रदर में ४० दिन तक लगातार सिघाड़े के आटे का देशी घी में
हलवा बनाकर खिलाएं तो सफ़ेद पानी के रोग में निश्चित लाभ मिलता है /
7 .सूजन और दर्द में राहत
                सिंघाड़ा सूजन और दर्द में मरहम का काम करता है/शरीर के किसी भी अंग में सूजन होने पर सिंघाड़े के छिलके को पीस कर लगाने से आराम मिलता है/ यह एंटीऑक्सीडेंट का भी अच्छा स्रोत है/ यह त्वचा की झुर्रियां कम करने में मदद करता है/ यह सूर्य की पराबैंगनी किरणों से त्वचा की अंदर से रक्षा करता है/
8 . बालों का संरक्षक
     बाल झड़ने की समस्या आम है/सिंघाड़े में मौजूद निमैनिक और लॉरिक जैसे एसिड बालों को नुकसान पहुंचने से बचाते हैं/जिन भाई या बहनों को बालों संबधी दिक्कत हो तो अपने खाने में कच्चे सिघाड़े को जरूर
शामिल करें /

9 .फटी एड़ियों से छुटकारा

       एड़ियां फटने की समस्या शरीर में मैग्निसियम  कमी के कारण होती है/ सिंघाड़ा ऐसा फल है, जिसमें पोषक तत्वों से मैग्निसियम  ग्रहण करने की क्षमता होती है/ सिंघाड़े के नियमित सेवन से शरीर में मैगनिसियम कमी नहीं होती और शरीर स्वस्थ  बनता है/

10 .वजन बढ़ाने में सहायक

         सिंघाड़े के पाउडर में मौजूद स्टार्च पतले लोगों के लिए वरदान साबित होती है/ इसके नियमित सेवन से शरीर मोटा और शक्तिशाली बनता है/इसके साथ एक गिलास दूध का सेवन करें तो आश्चर्यजनक परिणाम मिलते हैं/

11 .पेशाब संबधी रोगों को मिटाने में सहायक 

मूत्र संबंधी बीमारियों के इलाज में सिघाड़े की बहुत अच्छी भूमिका है /
पेशाब में जलन, रुक-रुक कर पेशाब आना जैसी बीमारियों में सिंघाड़े का सेवन लाभदायक है /

12 .दाद खुजली का इलाज

     नींबू के रस में सूखे सिंघाड़े को पीसकर नियमित रूप से लगाने पर दाद-खुजली ठीक हो जाती है/

 13 .नकसीर होने पर राहत

                जो लोग  अत्यधिक गर्मी से नकसीर जैसे जानलेवा रोग से ग्रसित हैं उन लोगो के लिए तो सिघाड़ा वरदान से काम नहीं है /ऐसे लोगों को गर्मियों के बाद बरसात में सिंघाड़े का सेवन जरूर करना चाहिए /
एक स्वस्थ व्यक्ति को रोजाना 5-10 ग्राम ताजे सिंघाड़े खाने चाहिए/पाचन प्रणाली के लिहाज से सिंघाड़ा भारी होता है, इसलिए ज्यादा खाना नुकसानदायक भी हो सकता है|
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                              जय हिन्द जय भारत जय आयुर्वेद 

         

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