आल इन वन चूर्ण
दोस्तों आज का युग खान-पान पर ध्यान न देते हुए आज की युवा पीढ़ी और बड़े बच्चे बूढ़े सभी आजकल के इस उपलब्ध आहार से सभी परेशान हैं /इसके साथ साथ हर व्यक्ति को कोई न कोई शारीरिक परेशानी बनी रहती है /इसके बचाव के लिए मैं आज आपसे एक बहुत ही असरदार और गांव का नुस्खा शेयर करूँगा /यदि आपको पसंद आये और आपको भी इसका लाभ मिले तो लाइक और अपने दोस्तों आआको शेयर करें ताकि वो लोग भी इस नुश्खे का लाभ उठा सकें /इस नुस्खे को बनाने के लिए हमें पंसारी से कुछ साबुत आयुर्वेदिक चीजें लानी होंगी /मैं ये वस्तुएं आपको अभी आगे बता रहा हूँ /
सबसे पहले हमें
१. ५०० ग्राम हरड़ बड़ी
२. ५०० ग्राम अजवायन
३. ५०० ग्राम मेथी
४. ५०० ग्राम इन्द्रायण गीला
५. ५०० ग्राम काला नमक
६. ५०० ग्राम सफ़ेद नमक
७. ५०० ग्राम सेंधा नमक
इन सबको एक मटके के अंदर डाल दें /अब इसमें ऊपर २ किलो पानी डालें /पानी डालकर इस मसाले को अच्छे से मिला दें /मटके को ढककर इसका मुंह पुरी तरह से बंद करदें /इसके लिए आप काली मिटटी का प्रयोग कर सकते हैं या पुट्ठी मिटटी का भी प्रयोग कर सकतें हैं /
अब इस मटके को गोबर के बड़े ढेर के अंदर दबा दें /यदि गोबर का ढेर उपलब्ध न हो तो किसी गरम स्थान पर जमीन में दबा दें /इसे ४० दिन दबा रहने दें /४० दिन के बाद इसे निकालकर घर ले आएं / जब इसको खोलेंगे तो इस में से आपको एक अजीब सी खुशबु महसूस होगी /ढक्कन हटाकर इस मिश्रण को लकड़ी की मदद से मिक्स करें /मिक्स कर के इसे
धुप में तिरपाल पर सूखने के लिए छत पर डाल दें /ध्यान रखें कि इस मिश्रण का कुछ भी अंश जमीन पर न जाने दें नही तो हमारे चूरन में मिटटी मिलने का डर रहता है /इस मसाले को सूखने में दो दिन का
समय लग सकता है /चाहे तीन दिन दिन लग जाएँ लेकिन अच्छे से
सुखाएं /सुखाने के बाद दोस्तों इसमें ३०० ग्राम मिश्री मिलाएं /अब इसे आप मिक्सी से पिसाई करें चाहें तो आटा चक्की से पीस लें /पीसने के बाद आप इसे किसी कांच के बर्तन में भरकर रखें /जब मर्जी हो तब तक काम में लें /अब मैं आप लोगो को इसके कुछ लाभ बता देता हूँ जो कि इस प्रकार
हैं /
१.पेटदर्द से आराम चाहे वो किसी भी उम्र का व्यक्ति हो
२.बदहजमी को दूर करता है
३.खट्टी मीठी डकारें आती हो तो वो मिट जाती हैं
४.गैस से छुटकारा मिलता है
५.कब्ज से निजात दिलाता है
६ सीने में किसी भी परकार की जलन और दर्द से आराम मिलता है
७.खाने को पचाने में सहायक
८ जोड़ो के दर्द में भी लाभदायक
तो दोस्तों अंत में यही कहूंगा ये आयुर्वेदिक चूरन घर पर बनाएं और बाजार के जेबकतरे उत्पादों से बचें /आप भी लाभ उठाएं और दूसरों को भी इसके फायदे बताएं /यदि कोई भाई इस नुस्खे को घर पर बनाने में असुविधा महसूस करता हो तो इसी नुस्खे का मिलता जुलता रूप लवणभास्कर
नाम से जो चूरन बाजार में मिलता है जो कि डाबर कंपनी का होता है /इसको भी प्रयोग में ला सकते हैं /मिलते हैं किसी और आयर्वेदिक पोस्ट के साथ
तब तक के लिए जय आयुर्वेद जय भारत
सबसे पहले हमें
१. ५०० ग्राम हरड़ बड़ी
२. ५०० ग्राम अजवायन
३. ५०० ग्राम मेथी
४. ५०० ग्राम इन्द्रायण गीला
५. ५०० ग्राम काला नमक
६. ५०० ग्राम सफ़ेद नमक
७. ५०० ग्राम सेंधा नमक
इन सबको एक मटके के अंदर डाल दें /अब इसमें ऊपर २ किलो पानी डालें /पानी डालकर इस मसाले को अच्छे से मिला दें /मटके को ढककर इसका मुंह पुरी तरह से बंद करदें /इसके लिए आप काली मिटटी का प्रयोग कर सकते हैं या पुट्ठी मिटटी का भी प्रयोग कर सकतें हैं /
अब इस मटके को गोबर के बड़े ढेर के अंदर दबा दें /यदि गोबर का ढेर उपलब्ध न हो तो किसी गरम स्थान पर जमीन में दबा दें /इसे ४० दिन दबा रहने दें /४० दिन के बाद इसे निकालकर घर ले आएं / जब इसको खोलेंगे तो इस में से आपको एक अजीब सी खुशबु महसूस होगी /ढक्कन हटाकर इस मिश्रण को लकड़ी की मदद से मिक्स करें /मिक्स कर के इसे
धुप में तिरपाल पर सूखने के लिए छत पर डाल दें /ध्यान रखें कि इस मिश्रण का कुछ भी अंश जमीन पर न जाने दें नही तो हमारे चूरन में मिटटी मिलने का डर रहता है /इस मसाले को सूखने में दो दिन का
समय लग सकता है /चाहे तीन दिन दिन लग जाएँ लेकिन अच्छे से
सुखाएं /सुखाने के बाद दोस्तों इसमें ३०० ग्राम मिश्री मिलाएं /अब इसे आप मिक्सी से पिसाई करें चाहें तो आटा चक्की से पीस लें /पीसने के बाद आप इसे किसी कांच के बर्तन में भरकर रखें /जब मर्जी हो तब तक काम में लें /अब मैं आप लोगो को इसके कुछ लाभ बता देता हूँ जो कि इस प्रकार
हैं /
१.पेटदर्द से आराम चाहे वो किसी भी उम्र का व्यक्ति हो
२.बदहजमी को दूर करता है
३.खट्टी मीठी डकारें आती हो तो वो मिट जाती हैं
४.गैस से छुटकारा मिलता है
५.कब्ज से निजात दिलाता है
७.खाने को पचाने में सहायक
८ जोड़ो के दर्द में भी लाभदायक
तो दोस्तों अंत में यही कहूंगा ये आयुर्वेदिक चूरन घर पर बनाएं और बाजार के जेबकतरे उत्पादों से बचें /आप भी लाभ उठाएं और दूसरों को भी इसके फायदे बताएं /यदि कोई भाई इस नुस्खे को घर पर बनाने में असुविधा महसूस करता हो तो इसी नुस्खे का मिलता जुलता रूप लवणभास्कर
नाम से जो चूरन बाजार में मिलता है जो कि डाबर कंपनी का होता है /इसको भी प्रयोग में ला सकते हैं /मिलते हैं किसी और आयर्वेदिक पोस्ट के साथ
तब तक के लिए जय आयुर्वेद जय भारत
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