Aloe vera uses for face(ग्वारपाठा या अलोएवेरा एक दर्द निवारक औषधि)HINDI

                                   Aloe vera uses for face
                 (ग्वारपाठा या अलोएवेरा एक दर्द निवारक औषधि)HINDI

दोस्तों  नमस्कार 
      स्वागत है एक बार फिर से आपका अपने ब्लॉग पर 
जैसा की आपने शीर्षक पढ़कर देखा की आज के इस कॉलम में आपको मैं ग्वारपाठा के बारे में बताने जा रहा हूँ /दोस्तों ग्वारपाठा  को घृतकुमारी, क्वारगंदल, घीक्वार ,कलबंद और कुम्बार  के नाम से भी जाना जाता है/
इसके हमारे जीवन में अनेकों ऐसे फायदे हैं जो कि आश्चर्यजनक हैं /दोस्तों ग्वारपाठे की तासीर बहुत गरम होती है इसलिए ये विशेष ध्यान रखें कि इसे सर्दी के दिनों में इस्तेमाल किया जाय /यदि बात करें लाभ मिलने वाली तो इसके अनगिनत फायदे है / दोस्तों  एलोवेरा हमारे शरीर में होने वाली शुगर को नियंत्रण में रखता है /इसमें रोगप्रतिरोधक क्षमता बहुत अधिक होती है और खून का थका बनाने वाली ग्रंथियां
 Aloe vera uses for face(ग्वारपाठा या अलोएवेरा एक दर्द निवारक औषधि)HINDI

मजबूत होती है /किसी भी प्रकार की चोट लगी हो चाहे किसी भी रूप में हो दवाओं के साथ हम यदि रोगी को ग्वारपाठे का रोजाना सेवन कराएं तो उस परेशानी से जो आराम हमें १५ दिन में मिलना होता है वो हमें ८ दिन में मिलेगा /किसी मेरे दोस्त या किसी बच्चे को बुखार आता हो या आया हुआ हो तो ग्वारपाठे की जड़ का काढ़ा दिन में तीन बार पिलायें अवश्य ही लाभ मिलेगा /ग्वारपाठा का ज्यूस बहुत ही गुणकारी ज्यूस है /इससे हमारे शरीर को अनेक रोगो से मुक्ति मिलती साथ ही इससे सेक्स पॉवर भी में इजाफा 
होता है /एलोवेरा से हम घर पर शुद्ध फेस पैक भी बनाकर प्रयोग कर सकते 

हैं जो कि बाजार में मिलने वाले विभिन्न प्रकार के फेसवाश जो की केमिकल युक्त होते हैं उनसे बचाव कर सकते हैं /एलोवेरा का गुद्दा निकालकर उसमें एक निम्बू का रस मिलकर लगाने से चेहरे की झुर्रियों और कील मुहांसों से मुक्त होकर चेहरा चमकदार बनता है /गावों में तो इसका चूरमा बनाकर भी खाया जाता है /जिससे शरीर में होने वाले विभिन्न प्रकार के दर्द जैसे जोड़ो का दर्द किसी चोट का दर्द बादी  बाव का दर्द आदि रोगो से छूटकारा मिलता है /मैं आप लोगों को ये दर्द निवारक चूरमा बनाने की विधि साझा कर रहा हूँ /कृपया ध्यान से देकर पढ़ें /
सबसे पहले ग्वारपाठे की पांच किलो  बड़ी बड़ी पत्तियां लाये /घर पर लेकर इनको सावधानी से छीलें /छीलकर इसका जो गुद्दा है अलग एक बर्तन में स्टोर करते रहें जब आप इस सारे गुद्दे को चूल्हे की राख में ढांप दे /कुछ देर यानि दस से पंद्रह मिनट तक राख में रखें /तत्पश्चात इसे सादे पानी से धो लें /इसके बाद इसके दो तीन इंच के टुकड़े करलें या इसका मिक्शी पिसकर 

पेस्ट बना लें /अब इसको दो किलो  आटे में कड़ा गूथ लें /अब आप चाहे तो इसके छोटे छोटे लड्डू बनाकर देशी घी में  तल लें या थोड़ी मोटी मोटी रोटियां भी बना सकते हैं /इसके बाद इनकों कूटकर बारीक चूरमा बनालें और इसमें आप  इसमें दो किलो खांड या (इच्छानुसार)  बूरा मिलाएं / दोस्तों थोड़ा ज्यादा रखें क्योंकि आपको इस चूरमे में कुछ कड़वापन महसूस हो सकता है /इसमें यदि आप चाहे तो कुछ डॉयफ्रुट्स भीं शामिल कर सकते हैं /अब आप इसके सौ ग्राम के अनुमान से लड्डू बनाकर रोजाना सुबह एक गिलाश दूध के साथ एक लड्डू का सेवन करें /इससे हमारे शरीर को ताकत भी मिलेगी और बॉडी में होने वाले बहुत सारे दर्द भी गायब हो जाएंगे / ये एक गांव बहुत ही लाभकारी नुस्खा आपसे सेयर किया है /आप इसे अपने जीवन में अपनाकर लाभ उठाएं /
    आपके अच्छे स्वास्थ्य  की कामना करता हुए  
आपका अपना दोस्त /
                               ॐ नारायण हरि 

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