नागफनी के पौधे में हैं यह असरदार और आयुर्वेदिक गुण naagfani ke podhe mein hain yah asardaar ayurvedic goon(hindi)

     नागफनी के पौधे में हैं यह असरदार और आयुर्वेदिक गुण

दोस्तों राम राम 
        एक नई और अद्भुत पोस्ट के साथ हाजिर होकर आप लोगों का स्वागत करता हूँ /आप लोगों का साथ मिलते रहने से मैं और अधिक ऊर्जावान हो जाता हूँ /आशा करता हूँ आप अपना प्रेम इसी तरह से बनाये रखेंगे /
तो अब बात करते हैं नागफनी  की /ये एक तरह का कांटेदार पौधा है जो एक औषधीय गुणों से भरा हुआ है /इसके पुरे पेड़ पर लम्बे लम्बे कांटे होते हैं /इसको हम सामान्य भाषा में नागफनी के नाम से भी जानते हैं /नागफनी के पौधे में हैं यह असरदार और आयुर्वेदिक गुण मौजूद होते हैं /ये काम पानी में जीवित रहने वाला आयुर्वेदिक पौधा है /लेकिन बहुत ही लाभदायक,सस्ती और शुलभता से प्राप्त होने वाली औषधि है/नागफनी स्वाद में कड़वी,फल मीठा व पचने पर मधुर और प्रकृति में बहुत गर्म तासीर की  होती है। नागफनी कफ को निकालती है, हृदय के लिए लाभकारी होती है, खून को साफ करती है, दर्द तथा जलन में आराम देती है और खून का बहना रोकती है/नागफनी खाँसी, पेट के रोगों और जोड़ों की सूजन तथा दर्द में लाभ पहुँचाती है/ इसके फूल कसैले होते हैं/ इसका तना तासीर में ठंडा और स्वाद में कसैला होता है /तना हल्का भूख बढ़ाने वाला और बुखार तथा विष को नष्ट करने वाला होता है/ विभिन्न रोगों में इसके प्रयोग का तरीका मैं आप लोगों को बता रहा हूँ /
नागफनी के पौधे में हैं यह असरदार और आयुर्वेदिक गुण

                              आँखों,हृदय और खांसी में लाभकारी 

आँखों में लाली की समस्या हो तो नागफनी के तने से कांटे साफ कर दें और फिर बीच में से फाड़ लें/इसके गूदे वाले भाग को कपड़े में लपेट कर आँखों पर रखने से लाभ होता है/खाँसी और दम फूलने यानी दमा जैसे रोगों में नागफनी का प्रयोग काफी लाभदायक है/10 मिली नागफनी के फल के रस में दोगुना शहद तथा 350 मिग्रा टंकण भस्म  मिला कर सेवन करें/ इससे खाँसी और दम फूलने की परेशानी में लाभ होता है/इसके सेवन से हृदय रोगों से बचाव होता है /

                             कब्ज ,दस्त और पेचिश में फायदेमंद 

नागफनी अपने आप में पेट को साफ़ रखने का भी गुण रखती है /दो से तीन ग्राम नागफनी के फलों का चूर्ण दिन में दो बार पानी से सेवन करने से मल्ल खुलकर आता है और कब्ज से छुटकारा मिलता है /नागफनी के फूलों का चूर्ण हमारे लिए पेचिश दस्तो में बहुत लाभदायक साबित होता है /

                                           कमजोरी और पीलिया रोग में फायदेमंद 

शरीर में कमजोरी महसूस होने पर नागफनी का फल बहुत ही लाभकारी है/हमारे शरीर में खून की कमी होने पर भी नागफनी का फल और फूल खून की कमी को पूरा करने में सहायक है /शरीर का पीलापन होना कमजोरी महसूश होना चक्कर आना आदि में लाभ देने वाली प्रभावी औषधि है /इसके साथ साथ गाजर और गन्ने का ज्यूस भी पीना चाहिए /'

                                     महिलाओं के लिए वरदान रूप 

महिलाओं में अक्सर होने वाले रोगों में ल्यूकोरिया जिसे सफेद प्रदर यानी योनीमार्ग से सफेद पानी का जाना भी कहा जाता है /महिलाओं का एक ख़ास रोग है/ इस रोग की वजह से महिलाओं के शरीर पर काफी खराब असर पड़ता है और कमजोर तथा रंग सफ़ेद हो जाता है /नागफनी के फल के 1-2 ग्राम चूर्ण का सेवन करने से सफेद प्रदर यानी ल्यूकोरिया रोग में लाभ होता है/

                          सस्ता और सुरक्षित प्राकृतिक एंटीसेप्टिक 


नागफनी के पौधे  में बहुत से  एंटीसैप्टिक गुण भी  होते हैं/ इस कारण  यह अनेक त्वचा रोग  में काम आता है/यह अधपक्के फोड़े फुंसी या गुमड़ को भी पकाने और  ठीक करने में अहम् योगदान देता है /नागफनी का सेवन घावों को शीघ्र भरने सहायक है /यह घाव में  संक्रमण नहीं पनपने देता और कीड़ों और पस यानी पिप को नष्ट करता है/नागफनी के पौधे के कांटे साफकर के दाद खाज खुजली और किसी भी कारण से लगी हुई चोट की तकलीफ या दर्द को ठीक करता है /


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