गिलोय के प्रभावी आयुर्वेदिक लाभ
गिलोय के उपयोग
1. गिलोय का रस पीने से मलेरिया तथा पुराना बुखार दूर होता है ।
2. चुटकी भर दालचीनी व लौंग के साथ लेने से मुद्दती बुखार दूर होता है ।
3. बुखार के बाद रहने रहनेवाली कमजोरी में गिलोय का रस पौष्टिक एवं शक्तिप्रदायक है ।
4. 2 से 3 ग्राम अधकुटी सोंठ व 25 से 30 ग्राम कूटी हुई ताजी गिलोय का काढ़ा बनाकर पीने से संधिवात तथा आमवात दूर हता है ।
5. गिलोय के रस में मिश्री मिलाकर पिने से पीलिया में लाभ होता है ।
6. गिलोय का रस दीर्घकाल तक लेते रहने से कायमी कब्जी के रोगी को लाभ होता है ।
7. गिलोय के चूर्ण अथवा रस का नियमित उपयोग डायबिटीज वालों के लिए लाभदायी है । हर रोज इंजेक्शन तथा टिकियों कि आवश्यकता नहीं पड़ेगी । उनके कुप्रभावों से रोगी बच जायेगा ।
8. माता को गिलोय का चूर्ण अथवा रस देने से दूध बढ़ता है व दूध के दोष दूर होते है । माता के दूषित दूध के कारण होनेवाले रोगों से बालक की रक्षा होती है ।
9. गिलोय उत्कृष्ट मेध्य अर्थात बुद्धिवर्धक रसायन है । इसके नियमित सेवन से दीर्घायुष्य, चिरयौवन व कुशाग्र बुद्धि कि प्राप्ति होती है ।
चूर्ण की मात्रा : 2 से 3 ग्राम । रस की मात्रा : 20 से 30 मि.लि. ।
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