Chandanasava Syrup चन्दनासव के फायदे Chandanasava Benefits (in hindi)

चंदनासव सिरप क्या है? Chandanasava Syrup in hindi 

हैल्लो दोस्तों जय राम जी की , आज मैं आपके लिए एक आयुर्वेदिक औषधि जिसे चंदनासव के नाम से जाना जाता है 

                               चंदनासव एक पिने वाला सिरप एक आयुर्वेदिक औषधि है जिसका प्रमुख चीज द्रव्य चंदन होता है, इसी कारण इस औषधि को चंदनासव के नाम से जाना जाता है. चन्दन से बढ़कर ठंडी ताशीर की कोई वस्तु इस दुनिया में नहीं है.  यह औषधि तासीर में ठंडी होती है. अपने शीतल गुणों के कारण इस औषधि का सेवन करने से पुरुषों में धातु संबंधी समस्याएं जैसे पेशाब में वीर्य स्राव होना, पेशाब में जलन होना एवं मूत्र संस्थान के संक्रमण में यह औषधि बहुत अच्छा कार्य करती है.

             महिलाओं में भी लिकोरिया अर्थात श्वेत प्रदर में यह औषधि लाभ पहुंचाती है. जिन लोगों के शरीर में उष्णता रहती हो, जिस कारण उनके हाथों पैरों में बहुत ज्यादा गर्मी रहती हो या जलन रहती हो ऐसी स्थिति में चंदनासव का    सेवन करने से शरीर शीतल होता है एवं हाथों पैरों की गर्मी एवं जलन में राहत मिलती है.

    इसके अलावा यह शरीर में बनने वाली पथरी स्टोन के निर्माण को भी रोकने में मददगार होती है. साथ ही बढ़ती उम्र में हृदय की कमजोरी को दूर कर हृदय को नई ऊर्जा एवं बल प्रदान करती है. पेशाब में जलन होना ,पथरी बनने में अवरोधक गोनोरिया, शुक्रमेह मूत्र पथ के सन्क्रमण आदि सभी के लिए चन्दनासव सिर्फ  एक आयुर्वेदिक औषधि है जिस की तासीर ठंडी होती है जो इन रोगो में हमें आराम दिलाती है.

                              शरीर में से अत्यधिक गर्मी एवं जलन को दूर कर शरीर को शीतलता प्रदान करती है. इसका सेवन करने से हाथों पैरों की जलन कम होती है. पेशाब में जलन होना, पेशाब रुक रुक कर आना, बार बार आना में लाभकारी, पेशाब के संक्रमण में लाभकारी, पेशाब के साथ धातु गिरना(जिसे शुक्रमेह कहा जाता है) मे लाभकारी , स्त्रियों के लिकोरिया,   अर्थात श्वेत प्रदर में लाभकारी जैसे जटिल रोगो को जड़ से ख़त्म करती है.इसके लिए हमे कुछ दिन तक परहेज के साथ चालीस दिन सेवन करें.

                              पथरी निर्माण को रोकने में लाभकारी,हृदय को बल प्रदान करने वाली औषधि ,एंटीबैक्टीरियल गुणों से युक्त होने के कारण यह मूत्राशय के साथ शरीर में बैक्टीरिया के संक्रमण को रोकती है. यह औषधि दीपन एवं पाचक है अर्थात इसका सेवन करने से यकृत को बल मिलता है एवं पाचन संस्थान सुदृढ़ हो जाता है. यह एक आयुर्वेदिक टॉनिक है जिसे सेवन करने से शरीर को ऊर्जा मिलती है. 

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