मुंह या गले में होने वाले टॉन्सिल्स
हैल्लो दोस्तों रामराम क्या हाल हैं मैं आशा करता हूँ कि सब अच्छे से होंगे आज की इस पोस्ट में बात करेंगे गले में होने वाले छालों के बारे में मुंह या गले में होने वाले छालों को देशी भाषा में गलमेला या टॉन्सिल्स यानि गले के अंदर,प्रभावित भाग में संक्रमण या इन्फेक्शन होना भी कह सकते हैं,मौसम में बदलाव होने पर अक्सर टॉन्सिल्स की समस्या सामने आ सकती है या फिर पेट की गर्मी से भीहो सकती है,इससे बचने के लिए आइये जानते हैं इसके लक्षण और उपाय:-
टॉन्सिल्स के लक्षण - सामन्यत: टॉन्सिल्स होने पर गले में खराश या जलन सी बनी रहती है, इसके अलावा टॉन्सिल्स के बढ़ने पर कभी- कभी आसपास के उतकों में संक्रमण के कारण पस(मवाद का भरना) भी हो जाता है, जिसके कारण अत्यधिक दर्द, बुखार, कहने पिने की चीजों को निगलने में तकलीफ, मुंह खोलने में भी दर्द का होना होना आदि तकलीफे भी इसके साथ हो सकती है, सही समय पर इलाज नहीं होने से यह एक जानलेवा बन सकता है,इससे बचाव के कुछ आयुर्वेदिक उपाय मैं आपको बता रहा हूँ जिनको अपनाकर इस समस्या से आप लोग छुटकारा पा सकते हैं और किसी भाई की मदद भी कर सकते हैं:-पहला अदरक :- गर्म पानी में नींबू का रस और ताजा अदरक पीस कर मिला दें। अब इस पानी से हर आधे घंटे में गरारे करते रहें, यह गर्म होने के कारण आराम दिलाने में मदद करेगा, इसके अलावा अदरक वाली चाय में हल्का नमक मिलकर पिएं आराम होगा |
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें